भाईयों बहणों अरे नही नही…ऐसे तो ताऊ बोलता है..मैं थोडी बोल सकती हूं ऐसे? हां तो अंकलों, आंटियों और दीदीयों सबको रामप्यारी की मीठी वाली यानि गुड वाली मार्निंग.
अब आज का क्ल्यु क्या दूं मैं आपको? दीपक तिवारी अंकल ने मेरा दिमाग खराब करके रख दिया है सूबह सूबह. अब बच्चों को कोई इस तरह डराता है क्या?
देखो ना..ऊडन तश्तरी अंकल…ये तिवारी अंकल ने आज क्या टीपणी की है ताऊ के ब्लाग पर? जरा आप भी समझाना इनको..
दीपक "तिवारी साहब" said...
अरे रामप्यारी कल तेरे को शेरपुर के जंगल मे भाषण देने गई थी वहां शेर ने नही खाया क्या?
और तू आजकल ये क्या उल्टॆ सीधे भाषण देने लग गई है? ये उल्टे सीधे सवाल क्यों पूछती है? जब तेरे को मालूम ही है तो हमारा खराब दिमाग क्यों खराब करती है?
April 11, 2009 8:35 AM
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तिवारी अंकल आप रामप्यारी को यूं ही मत समझ लेना. रामप्यारी ऐसो को तो ४७० चक्कर लगवा कर जंगल के बाहर करवा देगी..हां नही तो क्या?
और आप क्यों भूल जाते हैं कि मैं तो शेर के मौसी की खानदान की हूं. शेरू बाबा तो मेरे को मौसी जी कह कर ही बुलाते हैं. और आजकल उनके आश्रम का सारा काम मैं ही देख रही हूं. और वहा के महिला कल्याण समिती की अध्यक्षा भी मैं चुन ली गई हूं.
मेरे से आप फ़ालतू डराने वाली बाते मत किया करो वर्ना मोर्चा निकलवा दूंगी. हां नही तो क्या?
और आपने एक बात सुनी की नही? भांग पीकर बिल्ली शेर के भी कान कुतर सकती है? तो अभी होली की भांग भी नही उतरी है मेरी…. हां नही तो क्या?
भांग के बारे मे …ये कविता..छंद..गाना या जो भी है..आप तो सुनलो इसको..
बिल्ली जो पीबै तौ स्वान हू के कान गहै,
स्वान जो पीबै तो दबावै गजराज को,
कामिनी जो पीबै तो बिसर जाय लाज को,
चिडिया जो पीबै तौ झपट मारै बाज को.
अब अंकल ये किसका लिखा है मुझे नही मालूंम. मैने तो युं ही रास्ते चलते सुन लिया था. बस तब से ही मुझे इस दुनियां मे रहने की हिम्मत आगई.
अब आप नीचे देखिये कि हमारे ताऊ शेरू बाबा का आश्रम कितनी सूंदर जगह है. और शेरू बाबा का अश्रम बिल्कुल इस पहेली वाली जगह पर ही है आजकल. . और साईड बार मे भी शेरू बाबा के आश्रम वाली जगह है. अब आपको चुपके से बता देती हूं, यह मैने क्ल्यु की तस्वीर लगाई है आप किसी को बताना मत..
पर अंकल आज तो अल्पना आंटी ने बहुत ही आसान पहेली पूछ ली है. मेरी जैसी छोटी सी ..दूसरी क्लास मे पढने वाली बच्ची को भी मालूम है..और आपको नही मालूम तिवारी अंकल? ओ…ओ..अंकल तो आज हार गये…..
और अंकल मैं तो इस खूबसूरत जगह घूम कर भी आगई हूं…वहां ना..वहां ना.. एक ….रोड भी है..और एक …..मंदिर भी है..और ना..और ना…… अब क्या सब कुछ ही बतादूं मैं?
अच्छा तो अब रामप्यारी की रामराम. मेरे पास फ़ालतू बात करने का समय तो है नही अब..मैं भाषण देने शेरू बाबा के आश्रम जा रही हूं.
6 comments:
ये कैसे हो सकता है हमारा जवाब गलत है????? या फिर आज सही जवाब को प्रकाशित कर हमको भरमाया जा रहा है.....कोई नई stratgy लगती है...?????? रानी ये क्लू भी तो नैनीताल की तरफ इशारा कर रहे हैं न....
bye
सीमा जी का इशारा बिल्कुल सही है..ऐसा थोड़े ही होता है.... हां नहीं तो क्या..
अरे रामप्यारी जी, माताजी माफ़ी मांगता हूं आपसे. अरे भला मैं आपको क्या डराऊंगा? आप शेरों , ताऊओं औरर महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं..फ़िर मेरी क्या मजाल?
अभी हमारी पंडताईन ने भी मुझे वार्निंग देदी है कि खबरदार जो रामप्यारी को डराया तो?
माताजी प्रणाम आपको. बस आप तो मुझे सवाल का जवाब बतादो. और आज अचानक ये क्या चक्कर हुआ है? कुछ तो बताओ.
और रामप्यारी जी,, आपके सवाल का जवाब सैम या हीरामन ही है. सीधे सीधे सैम लगता है पर तुम इतनी सीधी हो नही..अब हीरामन कैसे होगा?
ये सोचना पडॆगा.
अब तो खुश है न रामप्यारी!! मैने दीपक अंकल को समझाया था तो देख, कैसे माफी मांग ली..लेकिन वो माता जी माता जी क्यूँ कहते हैं इतनी प्यारी बच्ची को?? शायद टॉफी के पैसे बचाने के चक्कर में लगे हैं..ऐसा थोड़े ही होता है.... हां नहीं तो क्या..
:)
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